ज्योतिर्लिंग की कथाएँ, लिंग का अर्थ, पापों के प्रकार, संध्या क्या होती है ?


शास्त्र ज्ञान के  इस सत्र में हमने विभिन्न ज्योतिर्लिन्ग् के  उद्भव के बारे में चर्चा की गयी | इसमें इस बात को स्पष्ट किया गया कि लिंग का अर्थ बहुत लोग, Penis करते हैं जबकि ये गलत है | लिंग अलग होता है, जिसका अर्थ होता है चिन्ह | पेनिस का अर्थ होता है, शिश्न | दोनों अलग अलग चीजें हैं किन्तु लोगो में भ्रम इतना अधिक बैठा दिया गया है कि लोग अब न पढ़ते हैं, न जानते हैं और इसी प्रकार के अर्थ का अनर्थ कर देते हैं | उन लोगों से पूछना चाहिए कि फिर नपुंसक लिंग का क्या अर्थ है ?

खैर, आगे इस सत्र में, विभिन्न प्रकार के पापों के बारे में बात की गयी है और संध्या (जो कि कुल 5 होती हैं, दिन में) किन्तु मुख्य 3 होती होती हैं | उनके बारे में बताया गया है |


 

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