राज दशरथ ने कैकयी के तीनों वचन क्यों माने ? नहीं मानते तो कैकयी क्या कर लेती ? ऐसी क्या मजबूरी थी दशरथ की, जो उसे कैकयी के तीनों वर मानने ही पड़े ? रामायण को कैसे पढ़ें ? शास्त्रों को कैसे पढ़ें ?
अपने शास्त्रों को पढ़ें, हम नहीं पढेंगे तो कौन पढ़ेगा ? कैसे आने वाली पीढ़ी को कुछ सिखा पायेंगे, कुछ देकर जा पायेंगे ? संस्कार कौन डालेगा ? फिर समाज के पतन की चिंता क्यों, यदि खुद कुछ नहीं करना है तो ?